कबीर बिहारी का जीवन परिचय : बिहारी रीतिकालीन के एक प्रसिद्ध कवि थे. प्राचीन कवियों के भांति बिहारी ने भी सवम अपना जीवन परिचय नहीं दिया है. बिहारी का जन्म 1595 में ग्वालियर में हुआ है. इनके पिता केशवराय एक प्रसिद्ध ब्रामण थे. वे एक धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति थे
बिहारी का आपने पिता का बहुत अधिक प्रभाव पढ़ा और उन्होंने काव्य शास्त्र का विशेष अध्ययन किया। बिहारी का पूरा नाम बिहारीलाल चौबे था. बिहारी का जन्म ग्वालियर में हुआ और बचपन बुंदेलखड में व्यतीत हुआ, इनका यौवन काल ससुराल मथुरा में बीता

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बिहारी का जीवन परिचय से समन्धित जानकारी
बिहारी की माता का नाम क्या था?
बिहारी की माता का नाम महाविद्या बताया गया है, ये तीन भाई, बहन थे. बहन छोटी और एक बड़े भाई थे. बिहारी का विवाह मथुरा में हुआ था और इनकी पत्नी रूपवती, कवित्री और विदुषी थी. बिहारी की अपनी कोई संतान नहीं थी. इन्होने आपने भाई के निरंजन नमक पुत्र को गोद ले लिया था
बिहारी के पिता का क्या नाम था?
बिहारीदास के पिता का नाम केशवराय था. बिहारी बचपन में ही आपने पिता के साथ ओरछा आ गए. वही इन्होने प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा प्राप्त हुई
बिहारी के गुरु का क्या नाम है?
इनके गुरु श्री नरहरिदास थे. इन्होने केशवदास से भी शिक्षा प्राप्त की थी. वे संस्कृत और हिंदी भाषा तथा विभन्न कलाओं और संगीत की ज्ञाता थे
बिहारी का जन्म स्थिति क्या है?
बिहारी का जन्म 1603 में हुआ माना जाता है
बिहारी की रचनाएँ कौन कौन सी है?
बिहारी की एक रचना ‘बिहारी सतसई’ उल्लेख मिलता है, जिसमे 713 दोहे संकलित है. राजा जयसिंह के आदेश से इन्होने इस सतसई की रचना की थी
कबीर बिहारी की साहित्य विशेषताए
बिहारी जिंदादिल, आशावादी, व्यावहारिक, समन्यवादी के व्यक्तित्व के वयक्ति थे. स्वाभाविक रूप से उसमे श्रृंगार, भक्ति एवं निति से सम्बंधित दोहे संकलित है, परन्तु उनमें काव्य का केंद्र बिंदु श्रृंगार है
- शृंगार
- भक्ति-नीति
- मिलन-विरह
- प्रेम-सौन्दर्य
- प्रकृति-चित्र
बिहारी का विवाह
ओरछा राज्य के पतन के बाद बिहारी ओरछा छोड़कर मथुरा चले गए. यह उनका विवाह हुआ और वे घर जवाई बनकर यौवनवयवस्था में यही रहे
बिहारी की भेंट
फलस्वरूप बिहारी गुरु नरहरिदास के आश्रम में चले गए और वही रहने लगे. यहाँ उनकी भेट शाहज़हाँ से हुई और उन्हें आगरा आने के लिए निमंत्रित किया गया. कुछ समय बाद उन्हें अनेक सम्राटों के बीच अपनी प्रतिभा दिखलाने का अवसर प्राप्त हुआ, जिसमे जयपुर का राजा भी उपस्थित था. उन्होंने बिहारी को जयपुर आने के लिए निमंत्रित किया
जयपुर पहुंचने के बाद बिहारी के दोहे और काव्य से खुश होकर राजा ने उन्हें आपने दरबारी कवि बना लिया
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लोगों द्वारा पूछे जाने वाले कवि बिहारी से रेलेटेड कुछ सवाल (FAQ’s)
Qs: बिहारी की प्रसिद्ध रचना है?
सतसई
Qs: कवि बिहारी का जन्म कब हुआ था?
सन 1595 में
Qs: बिहारी के गुरु कौन थे?
नरहरिदास
Qs: बिहारी जी का जन्म कहाँ हुआ था?
ग्वालियर में
Qs: बिहारी का प्रिय अलंकार कौन सा है?
अतिशयोक्ति, अन्योक्ति और सांगरूपक
Qs: बिहारी के काव्य में प्रधान रश कौन सा है?
श्रृंगार रश
Qs: बिहारी के इष्ट देव कौन थे?
बिहारी के आराध्य देव श्री कृष्ण थे
Qs: बिहारी लाल की भाषा क्या है?
हिंदी, फ़ारसी और ब्रजभाषा
Qs: बिहारी लाल का मृत्यु कब हुआ था?
सन 1663 में
Qs: बिहारी का पूरा नाम क्या है?
बिहारीलाल चौबे
अंतिम तथ्य
इस पोस्ट में हमने बिहारी का जीवन परिचय से सम्बन्धित brief information प्रदान करने की कोसिस की है. ऐसी ही रोचक जानकारी पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कर सकते है