हेल्लो दोस्तों आज हम जानेगे कि usd to inr status, ek dollar ki kimat kya hai और 1947 में डॉलर की कीमत क्या थी आज हम इसी बारे में चर्चा करेंगे | 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब 1 डॉलर की कीमत 1 रुपया थी 2018 आते आते 1 डॉलर 68 रूपए से भी पर कर गया है आपके सामने एक प्रश्न ये आ रहा होगा की जो ek डॉलर 1 रूपए के बराबर था वो 71 सालो में इतना कैसे बढ़ गया

आज में आपको बताउगा की क्या क्या factors होते है जिससे currency के rate निर्धारित होते है क्यो डॉलर का rate घटता रहता है बढ़ता रहता है क्यो किसी देश की करेंसी घटती बढ़ती रहती है क्या factors होते है उन सारी चीजों के बारे में disscuss करेंगे
Table of Contents
Dollar क्या है
डॉलर United state (अमेरिका) की करेंसी है जिसकी कीमत इंडियन रूपए के मुकाबले 2021 में 1 डॉलर 74.19 रूपए है
Dollar status check in Rupees
डॉलर का स्टेटस ek dollar ki kimat kya hai चेक करने के लिए ये स्टेप आपको फॉलो करने होंगे-
- सबसे पहले आपको गूगल के सर्च बार पर जाना होगा
- फिर सर्च बार में 1 dollar in rupees सर्च करना होगा

USD to INR Status
usd to inr status के बारे में detail सहित जाने :-
1 USD | 74.0543 INR |
5 USD | 370.271 INR |
10 USD | 740.543 INR |
25 USD | 1,851.36 INR |
50 USD | 3,702.71 INR |
100 USD | 7,405.43 INR |
500 USD | 37,027.1 INR |
1000 USD | 74,054.3 INR |
5000 USD | 370,271 INR |
10000 USD | 740,543 INR |
50000 USD | 3,702,710 INR |
Convert Indian Rupees to US Dollar
1 INR | 0.0135186 USD |
5 INR | 0.067593 USD |
10 INR | 0.135186 USD |
25 INR | 0.337965 USD |
50 INR | 0.675907 USD |
100 INR | 1.35181 USD |
500 INR | 6.75907 USD |
1000 INR | 13.5181 USD |
5000 INR | 67.5977 USD |
10000 INR | 135.195 USD |
50000 INR | 675.977 USD |
How much is 1000 dollar in indian rupees
आज के समय में 1000 डॉलर की कीमत इंडियन करेंसी में 74191.35 है जो इंडियन करेंसी की तुलना में बहुत ज्यादा है डॉलर की डिमांड इंडिया में भी बहुत अधिक है indians जो ऑनलाइन work करके पैसे कमाते है उसकी पेमेंट भी गूगल से डॉलर में होती है ऑनलाइन वर्क है Blogging, Youtuber और freelencer work etc.
डॉलर का rate एकदम से क्यो बढ़ा
ऐसा क्यो हुआ इससे पहले आप ये जान लीजिये कि करेंसी rate किस तरह निर्धारित होते है उसके बाद हम बात करेंगे की 1947 और 2020 तक आते आते क्या-2 डिफरेंसेस आ गए दोस्तों आज के टाइम में सारी country एक दूसरे से bussiness कर रही है
अगर हम india की बात करे तो हम भी अपना सामान अमेरिका से मंगवाते है चाइना से मंगवाते है और भी अलग-2 country से मंगवाते है हम इंडिया की चीजे दूसरी country में भेजते भी है जो चीजें हम भेजते है उसे कहते है Export और जो चीजें हम विदेशो से मंगवाते है उसे कहते है Import | एक कंट्री जितना ज्यादा Export करती है मतलब बेचती है उस कंट्री को उतना profit होगा जाहिर सी बात है जो country जितना अपना सामान बचेगी उतना ज्यादा उसको प्रॉफिट होगा
India के Export और Import के बारे में
अगर हम बाहर से कोई चीजे खरीदते है तो हमें पेमेंट करनी पड़ती है उस कंट्री की requried करेंसी में | मान लीजिये अगर India जो है अमेरिका से सामान ख़रीदता है तो इंडिया पेमेंट रूपए में नहीं करेगा उसे डॉलर में पेमेंट करनी पड़ेगी अगर इंडिया को डॉलर में पेमेंट करने के लिए पहले इंडिया को बैंक के पास जाना होगा फिर रूपए को डॉलर में change करेगा फिर उसे बैंक को देगा पेमेंट करने केलिए |
सबसे प्रमुख कारक (majer fector) जो किसी भी देश की करेंसी को ऊपर नीचे करता है वो है उस करेंसी की demand और supply | आज के समय में हम देखे तो US. dollar की डिमांड बहुत ज्यादा है ज्यादातर देखा जाये तो एक कंट्री दूसरी कंट्री के साथ व्यापार करती है तो पेमेंट का लेन देन ज्यादा डॉलर में होता है
डॉलर वर्ल्ड की no.1 करेंसी में आता हैजिसका शेयर मार्किट में 80%है दूसरे नंबर पर Euro जिसका शेयर मार्किट में 30% है अगर हम बात करे Indian rupees की वो लगभग 1.1% होगा | देखा जाए तो international मार्किट में इंडिया की demand बहुत कम है
अब आप सोच रहे होंगे की डॉलर की इतनी डिमांड क्यो है (Why dollar is the most traded currency) Dollar की डिमांड ज्यादा होने का कारण है कि सऊदी अरब से जितना भी oil का लेन देन होता है उसकी पेमेंट ज्यादातर डॉलर में होती है इसमें डॉलर किसी न किसी तरीके इन्वॉल्व है
कहने का मतलब है कि अगर आपको आज के समय सऊदी अरेबिआ से तेल खरीदना है तो आपको पेमेंट डॉलर में ही करनी पड़ेगी क्योकि साउदी अरेबिआ और अमेरिका के बीच करार हुआ है कि सऊदी अरेबिआ जितनी भी लेन देन करेगा जितने भी trade करेगा oil में वो डॉलर में होगा
दोस्तों हमारी ये जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट में जरूर बताना